अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को हुआ था। उनका जन्म मुंबई के एक धनी जैन परिवार में हुआ था। उनके पिता अनिलचंद्र शाह पीवीसी पाइप का कारोबार करते थे।
शाह एक हिंदू वैष्णव परिवार से हैं , और वह एक गुजराती बनिया हैं। पहले जब उनकी जाति ज्ञात नहीं थी, कई मीडियाकर्मियों और राजनेताओं ने दावा किया कि वह एक जैन थे। 6 अप्रैल 2018 को, उन्होंने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन दावों का खंडन करते हुए कहा कि वह एक हिंदू वैष्णव हैं, जैन नहीं
उनके पिता, अनिलचंद्र शाह, गुजरात के मनसा के एक व्यापारी थे। उनकी मां कुसुमबेन शाह एक गृहिणी थीं जिनका निधन शरीर की बीमारी के चलते साल 8 जून 2010 को हो गया था। उनकी एक बहन है, आरती शाह।
अमित शाह की बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में रुचि थी। वह आरएसएस की पड़ोस की शाखाओं में हिस्सा लेते थे। जब वे कॉलेज में थे तब वे आधिकारिक तौर पर एक स्वयंसेवक (स्वयंसेवक) के रूप में आरएसएस में शामिल हो गए थे। वहां उनकी मुलाकात 1982 में अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी से हुई थी।
शिक्षा
उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अहमदाबाद के ज्योति हायर सेकेंडरी स्कूल से की। उन्होंने अहमदाबाद के सीयू शाह साइंस कॉलेज से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की। कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद, उन्होंने अपने पिता के पीवीसी पाइप व्यवसाय के लिए काम किया। अमित शाह ने अहमदाबाद के सहकारी बैंकों में स्टॉकब्रोकर के रूप में भी काम किया।
सहकारी बैंक का कार्य प्रभार
अमित शाह को वर्ष 2000 में अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक (ADCB) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. इसके पिछले ही वर्ष बैंक को लगभग 36 करोड़ रु का नुकसान हुआ था और बंद होने की कगार पर था. अमित शाह ने बैंक का प्रभार संभाला और एक साल के भीतर ही बैंक की किस्मत बदल दी. अगले साल बैंकों ने अमित शाह के नेतृत्व में 27 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया. अमित शाह ने यह भी सुनिश्चित किया कि बैंक के अधिकांश निदेशक भाजपा के प्रति वफादार रहे.
राजनीतिक करियर
भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बधाई देते हुए (2014)
शाह 1987 में भाजपा में शामिल हुए। 1987 में उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का सदस्य बनाया गया। शाह को पहला बड़ा राजनीतिक मौका मिला 1991 में, जब आडवाणी के लिए गांधीनगर संसदीय क्षेत्र में उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला। दूसरा मौका 1996 में मिला, जब अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात से चुनाव लड़ना तय किया। इस चुनाव में भी उन्होंने चुनाव प्रचार का जिम्मा संभाला। पेशे से स्टॉक ब्रोकर अमित शाह ने 1997 में गुजरात की सरखेज विधानसभा सीट से उप चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1999 में वे अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक (एडीसीबी) के प्रेसिडेंट चुने गए। 2009 में वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष बने। 2014 में नरेंद्र मोदी के अध्यक्ष पद छोड़ने के बाद वे गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 2003 से 2010 तक उन्होने गुजरात सरकार की कैबिनेट में गृहमंत्रालय का जिम्मा संभाला।
2012 में नारनुपरा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र से उनके विधानसभा चुनाव लड़ने से पहले उन्होंने तीन बार सरखेज विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे गुजरात के सरखेज विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चार बार क्रमशः 1997 (उप चुनाव), 1998, 2002 और 2007 से विधायक निर्वाचित हो चुके हैं। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी माने जाते हैं। शाह तब सुर्खियों में आए जब 2004 में अहमदाबाद के बाहरी इलाके में कथित रूप से एक फर्जी मुठभेड़ में 19 वर्षीय इशरत जहां, ज़ीशान जोहर और अमजद अली राणा के साथ प्रणेश की हत्या हुई थी। गुजरात पुलिस ने दावा किया था कि 2002 में गोधरा बाद हुए दंगों का बदला लेने के लिए ये लोग गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने आए थे। इस मामले में गोपीनाथ पिल्लई ने अदालत में एक आवेदन देकर मामले में अमित शाह को भी आरोपी बनाने की अपील की थी। हालांकि 15 मई 2014 को सीबीआई की एक विशेष अदालत ने शाह के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य न होने के कारण इस याचिका को ख़ारिज कर दिया।
एक समय ऐसा भी आया जब सोहराबुद्दीन शेख की फर्जी मुठभेड़ के मामले में उन्हें 25 जुलाई 2010 में गिरफ्तारी का सामना करना पड़ा। शाह पर आरोपों का सबसे बड़ा हमला खुद उनके बेहद खास रहे गुजरात पुलिस के निलंबित अधिकारी डीजी बंजारा ने किया। सोलहवीं लोकसभा चुनाव के लगभग 10 माह पूर्व शाह दिनांक 12 जून 2013 को भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया गया, तब प्रदेश में भाजपा की मात्र 10 लोक सभा सीटें ही थी। उनके संगठनात्मक कौशल और नेतृत्व क्षमता का अंदाजा तब लगा जब 16 मई 2014 को सोलहवीं लोकसभा के चुनाव परिणाम आए। भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 71 सीटें हासिल की। प्रदेश में भाजपा की ये अब तक की सबसे बड़ी जीत थी। इस करिश्माई जीत के शिल्पकार रहे अमित शाह का कद पार्टी के भीतर इतना बढ़ा कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष का पद प्रदान किया गया।
अमित शाह की जीवनी & अनमोल विचार अमितभाई अनिलचंद्र शाह Bjp Bharatiya Janata Party अमित शाह का जीवन परिचय अमित शाह के अनमोल विचार गृह मंत्री
अमित शाह के अनमोल विचार
1. हमारे पूर्वज जो गलतियां करते हैं उसका सुधार करना हमारा दायित्व है हम उन गलतियों के सुधार से ही आगे का सुनहरा भविष्य देख सकते हैं।
2.जब कानून का हवाला दिया जाता है तो यह सभी के लिए मान्य होता है चाहे वह किसी भी जाति धर्म का हो जो कानून देश का है वह यहां के निवासियों पर अवश्य लागू होगी। ।
3.शिक्षा किसी एक वर्ग या समुदाय की जागीर नहीं है शिक्षा पर सभी का बराबर अधिकार है इस अधिकार से किसी को वंचित नहीं किया जा सकता।
4.भारत सभी धर्मों का आदर करता है यह संविधान उसे अधिकार देता है उस सविधान का गला घोट कर किसी के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।
5.जब तक देश का युवा आगे नहीं बढ़ेगा उसे आत्मनिर्भर नहीं बनाया जाएगा तब तक देश का विकास संभव नहीं है न्यू इंडिया के सपने को साकार करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। ।
6.सरकारे अगर पूर्ण इच्छाशक्ति से कार्य करें तो अपने एक कार्यकाल में भी वह ऐतिहासिक कार्य कर सकती है जिसके लिए जनता हमेशा याद रखे। ।
7.सामान्य तौर पर विजय पाकर व्यक्ति अहंकारी हो जाता है और पराजय का मुख देखकर हतोत्साहित जबकि इन दोनों पर काबू पाकर व्यक्ति स्वयं को महान बना सकता है। ।
8.गरीबी हटाओ आदि के नारे लगाकर गरीबी नहीं हटाई जाती, गरीबी हटाने के लिए गरीब का जीवन को जीना पड़ता है। ।
9.हम किस प्रकार एक श्रेष्ठ व्यक्ति बन सके उसके लिए दिन-रात विचार करना चाहिए श्रेष्ठता से बढ़कर और कुछ नहीं होता यही जीवन की संचित पूंजी होती है।