दोस्तो आज हम देखेंगे ऐसे सक्सेस फूल व्यक्ति की जीवनी और उनके अनमोल विचार एक ऐसा व्यक्ति अपनी भूक मिटने के लिए मंदिर की प्रसाद के लिए कही किलो मीटर कही दूर चल के जाता था एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास रहने के लिए जगह नहीं थी दोस्त के घर जमीनपर सोता था एक ऐसा व्यक्ति उसकी लाइफ बहुत कठिन थी लेकिन उसने बैलेंस किया और लाइफ बदल देइ मैं बात कर रहा हु एप्पल कंपनी के मालक स्टीव जॉब की जीनोने कहा सारीआवाजे छोड़ कर अनपे दिल की आवाज करे जो की दिल को वकिहि पता होता है आप लाइफ में करना क्या चाहते है अगर आप सक्सेस फूल बनना चाहतेहै तो दिल की आवाज सुनना शुरू कीजे स्टीव जॉब के fathar थे पोल जॉब्स ओ मेक्यानिक थे और उनकी माँ एक एकाउंटिंग थी बाद में उनोने गैरेज खोल दिया उस गैरेज में इलेट्रॉनिक आईटम थे उसके साथ ओ छेड़ छनि करते थे और उनको बहुत अच्छा लगता था वहींसे उनका इंट्रेस्ट बढ़ा तो चलो दोस्तों आज उनका जीवन के बारे देखने वाले है और उनके अनमोल विचार देखेंगे
Early Life
स्टीव जॉब्स का जन्म २४ फ़रवरी १९५५ को सैन फ्रांसिस्को, कैलिफ़ोर्निया में हुआ था। स्टीव के जन्म के समय उनके माता पिता की शादी नहीं हुए थी, फ़ैसला किया। इसी लिये स्टीव को कैलिफोर्निया पॉल रेनहोल्ड जॉब्स और क्लारा जॉब्स ने गोद ले लिया था। क्लारा जॉब्स ने कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त नहीं की थी और पॉल जॉब्स ने केवल उच्च विद्यालय तक की ही शिक्षा प्राप्त की थी।
जब जॉब्स 5 साल के थे तो उनका परिवार सैन फ्रांसिस्को से माउंटेन व्यू, कैलिफोर्निया की और चला गया। पॉल एक मैकेनिक और एक बढ़ई के रूप में काम किया करते थे और अपने बेटे को अल्पविकसित इलेक्ट्रॉनिक्स और 'अपने हाथों से काम कैसे करना है' सिखाते थे, वहीं दूसरी और क्लॅरा एक अकाउंटेंट थी और स्टीव को पढ़ना सिखाती थी जॉब्स ने अपनी प्राथमिक शिक्षा मोंटा लोमा प्राथमिक विद्यालय में की और उच्च शिक्षा कूपर्टीनो जूनियर हाइ और होम्स्टेड हाई स्कूल से प्राप्त की थी। सन् 1972 में उच्च विद्यालय के स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद जॉब्स ने ओरेगन के रीड कॉलेज में दाखिला लिया मगर रीड कॉलेज बहुत महँगा था और उनके माता पिता के पास उतने पैसे नहीं थे। इसी वज़ह से स्टीव ने कॉलेज छोड़ दिया और क्रिएटिव क्लासेस में दाखिला ले लिया, जिनमे से एक कोर्स सुलेख पर था।
इलेक्ट्रॉनिक आईटम में इंट्रेस्ट बढ़ा
शायद यही कारण था कि स्टीव की इलेक्ट्रॉनिक काम में बहुत ज्यादा रूचि थी। इस समय में वे चीजों को जोड़कर नई चीजें बनानी सिख रहे थे । जब वह प्राथमिक विद्यालय में पढाई कर रहे थे तब उनके पिता को किसी कारणवश दूसरे शहर लॉस आल्टोस में शिफ्ट होना पड़ा। इस शहर में उनका दाखिला होम स्टीड माध्यमिक स्कूल में करा दिया गया। कुछ समय के बाद उनका एक दोस्त बन गया जिसका नाम स्टीव वॉज नेक था। यही वह व्यक्ति थे जो आगे चलकर एप्पल कम्पनी में साझेदार बने थे।
वोज नेक भी इलेक्ट्रॉनिक में बहुत अधिक रूचि रखते थे और उनका दिमाग भी बहुत तेज था। स्टीव ने अपनी आगे की कहानी को जारी रखने के लिए कॉलेज में दाखिला ले लिया पर उस कॉलेज की फीस इतनी अधिक थी कि उनके पिता के लिए फीस भरना असंभव कार्य था।
स्टीव जॉब्स और एप्पल कंपनी
मार्च 1976 में वोजनियाक ने एप्पल प्रथम कंप्यूटर का निर्माण किया और उसे स्टीव जॉब्स को दिखाया। उसी साल अप्रैल के महीने में स्टीव जॉब्स, वोजनियाक तथा रोनाल्ड वायने ने एप्पल कंपनी की स्थापना की।कंपनी की सारी प्रक्रियाएं स्टीव के बेड रूम के अंदर होती थी फिर बाद में गैरेज के अंदर ले जाया गया। रोनाल्ड वायने कंपनी में बहुत कम दिनों तक ही ठहरे और स्टीव व वोजनियाक को मुख्य रूप से कोफाउंडर व संचालक बने रहने दिया। कंपनी को सफलतापूर्वक चलाने के लिए उन्हें पैसे की जरूरत थी तो वोजनियाक ने अपना एचपी का केलकुलेटर बेच दिया और जॉब्स ने अपनी वॉल्सवैगन वेन बेच दी।
कंपनी ने एप्पल प्रथम नाम का एक कंप्यूटर बनाया और उसके कई सारी ईकाइयाँ बेच दी जिससे कंपनी में धीरे-धीरे कमाई शुरू होने लगी। कंपनी पब्लिक हो गई और स्टीव एक मिलिनेयर बन गए। 24 जनवरी 1984 को स्टीव ने मैकिनटोश कंप्यूटर को लॉन्च किया। यह कंप्यूटर काफी महंगा था तो मध्यम वर्ग के लोग इसे खरीद नहीं पा रहे थे और आईबीएम के कंप्यूटर ज्यादा बिकते जा रहे थे। उसी समय में माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज सॉफ्टवेयर आईबीएम के कंप्यूटर में आने लग गए और मैकिनटोश कंप्यूटर का मार्केट शेयर नीचे गिरता गया।
१.कब्रिस्तान में अमीर और समृद्ध इंसान बनना मेरे लिये कोई मायने नही रखता। बल्कि रात में सोने के लिये पलंग पर जाते समय आज कुछ खुबसूरत किया कहना मेरे लिये मायने रखता है
२. कभी-कभी जिंदगी आपको ईट से सिर पर मारेंगी। लेकिन तब भी आपको अपना भरोसा नही खोना है।
३.कभी-कभी जब आप कुछ नया करते हो तो आप गलतियाँ करते हो। उन्हें जल्दी से मान लेना बहुत जरुरी है और मानने के बाद उसमे सुधार करना भी बहुत जरुरी है।
४.हमेशा गुणवत्ता का मानदण्ड बने रहे। क्योकि कुछ लोग उस वातावरण का इस्तेमाल नही करते जहाँ प्रतिष्ठा की चाह होती है।
५.कई कम्पनियों ने छंटनी करने का फैसला किया है,शायद उनके लिए ये सही होगा। हमने अलग रास्ता चुना है। हमारा विश्वास है कि अगर हम कस्टमर के सामने अच्छे प्रोडक्ट्स रखते रहेंगे तो वो अपना पर्स खोलते रहेंगे।
६.आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर व्यर्थ मत कीजिये। बेकार की सोच में मत फंसिए, अपनी जिंदगी को दूसरों के हिसाब से मत चलाइए। औरों के विचारों के शोर में अपनी अंदर की आवाज़ को, अपने इन्ट्यूशन को मत डूबने दीजिए। वे पहले से ही जानते हैं की तुम सच में क्या बनना चाहते हो। बाकि सब गौड़ है।”
७.आप कस्टमर से यह नहीं पूछ सकते कि वो क्या चाहते हैं और फिर उन्हें वो बना के दें। आप जब तक उसे बनायेंगे तब तक वो कुछ नया चाहने लगेंगे।”
8“समूह पर ध्यान केन्द्रित करके किसी वस्तु को डिजाईन करना असल में बहुत मुश्किल है। इसे बहुत समय लगेगा, जबतक आप लोगो को नही बताते की वे क्या चाहते है तबतक उन्हें उनकी चाह के बारे में पता ही नही होता।
९.“मौत जीवन का एक सबसे अच्छा आविष्कार है। यह जीवन को बदलने वाला देवदूत है। यह पुराने को बदल कर नया बनाने वाला है!”
१० . कभी-कभार जिंदगी तुम्हारे दिमाग के ऊपर ईंट से मारेगी। तुम्हें अपना विश्वास नहीं खोना है!
११.आपका काम आपकी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा भर सकता है, और केवल एक ही तरीका है जो कि आपको पूर्ण संतुष्टि दिला सकता है वह यह है कि आप जिस में विश्वास करें वह सबसे अच्छा काम है!”
१२.मैं लोगों को यह सलाह देता हूं- इंतजार मत करो! तुम जब जवान हो तो तुम वह सब कुछ करो जो तुम्हें पसंद है। तुम्हारे पास खोने के लिए कुछ नहीं है यह बात तुम्हारे दिमाग में होनी चाहिए!
१३.स्मार्ट लोग जिनको हम यह बताएं कि उनको क्या करना है ऐसे लोगों को किराए पर रखने का कोई मतलब नहीं है। हम उन लोगों को किराए पर रखते हैं जो हमें बताएं कि क्या करना है!”
१४.तुम टक्कर लेने और जलने के लिए तैयार हो गए हो। अगर तुम्हें गिरने से डर लगता है तो तुम बहुत आगे तक नहीं जा पाओगे!
१५.बहुत सारी कंपनियों ने बंद करने का निर्णय लिया है और हो सकता है यह उनके लिए सही भी है। पर हमने एक दूसरा रास्ता चुना है।हमारा विश्वास यह था कि अगर हम कस्टमर के सामने अच्छे से अच्छे प्रोडक्ट लाते रहेंगे तो ये प्रोडक्ट उनके पर्स को खुलवा ही लेंगे!
१६.कोई ऐसी कंपनी नहीं जो मैकबुक एयर को बना सकती थी इसका कारण स्पष्ट है क्योंकि हम न सिर्फ हार्डवेयर को ही नियंत्रण में रखते हैं बल्कि ऑपरेटिंग सिस्टम को भी बनाते हैं।और ऑपरेटिंग सिस्टम और हार्डवेयर के बीच यह संबंध हमें सबसे अच्छा करने का मौका देता है। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम और डेल नोटबुक के बीच में ऐसा कोई संबंध ही नहीं है!
कृपया इन Motivational Quotes in Hindi को आप बहुत ध्यान से पढ़िए और सफलता की ओर एक और कदम बढ़ा दीजिये - हमें आशा है कि आपको यह article बहुत पसंद आया होगा स्टीव जॉब्स की जीवनी और अनमोल विचार कैसा लगा कमेंट में जरुर बताये और इस शेयर भी जरुर करे.
इस जानकारी में त्रुटी हो सकती है। यदि आपको स्टीव जॉब्स की जीवनी और अनमोल विचार में कोई त्रुटी दिखे या फिर कोई सुझाव हो तो हमें जरूर बताएं।
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