हेलो दोस्तों आज हम देखेंगे प्रधानमंत्री आवास योजना भारत सरकार की एक योजना है जिसके माध्यम से नगरों व ग्रामीण इलाकों में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रयशक्ति के अनुकूल घर प्रदान किये जाएँगे। सरकार ने ९ राज्यों के ३०५ नगरों एवं कस्बों को चिह्नित किया है जिनमें ये घर बनाए जाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण योजना ग्रामीण प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण संचालित योजना है इस योजना का शुभारम्भ 25 जून,2015 को हुआ। इस योजना का उद्देश्य 2022 तक सभी को घर उपलब्ध करना है। इस के लिए सरकार 20 लाख घरो का निर्माण करवाएगी जिनमे से 18 लाख घर झुग्गी –झोपड़ी वाले इलाके में बाकि 2 लाख शहरों के गरीब इलाकों में किया जायेगा। सरकार ने इस योजना को 3 फेज' में विभाजित किया है- पहला फेज अप्रैल 2015 को शुरू किया था और जिसे मार्च 2017 में समाप्त कर दिया गया है इसके अंतर्गत 100 से भी अधिक शहरों में घरो का निर्माण हुआ है। दूसरा फेज अप्रैल 2017 से शुरू हुआ है जो मार्च 2019 में पूरा होगा इसमें सरकार ने 200 से ज्यादा शहरों में मकान बनाने का लक्ष्य रखा है। तीसरा फेज अप्रैल 2019 में शुरू किया जाएगा और मार्च 2022 में समाप्त किया जाएगा जिसमे बाकि बचे लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना की वेबसाइट https://pmaymis.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। होमपेज पर ही Citizen Assessment टैब में क्लिक करने पर एक लिस्ट खुलती है। उसमें पहले नंबर पर ही Apply Online का ऑप्शन मिल जाता है। इस पर क्लिक करके अपने आधार नंबर की मदद से आप आवेदन कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी)
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की शुरुआत 25th June 2015 को भारत सरकार के आवासन और शहरी मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs (MoHUA) की ओर से की गई थी। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) और निम्न आय वर्ग (LIG) के लोगों के लिए, पक्के आवास उपलब्ध कराना था। बाद में मध्यम आय वर्ग ( MIG) के लोगों को भी इसके लाभार्थियों में शामिल कर लिया गया। 2022 में देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के पहले, देश के हर नागरिक को पक्का आवास उपलब्ध कराने का उद्देश्य रखा गया था।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)
इसका उद्देश्य बेघरों को फाइनेंशियल सहायता और पुराने घरों में रहने वालों को पक्के घरों के निर्माण में सहायता प्रदान करना है. प्लेन्स में रहने वाले लाभार्थी रु. 1.2 लाख
तक प्राप्त करते हैं और उत्तर-पूर्वी पहाड़ी क्षेत्रों, इंटीग्रेटेड एक्शन प्लान (आईएपी) और कठिन क्षेत्रों में रहने वाले लाभार्थी इस हाउसिंग स्कीम के कारण रु. 1.3 लाख तक का लाभ उठा सकते हैं.
पीएम आवास योजना के लिए जरूरी दस्तावेज :-
आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आई डी कार्ड बैंक खाता की कॉपी निवास प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र
प्रधानमंत्री आवास योजना(PMAY) के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया
PMAY के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए, प्रधानमंत्री आवास योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ
“Citizen Assessment” मेन्यू के तहत “Benefit under other 3 components” विकल्प चुनें
अपने आधार कार्ड के अनुसार अपना 12 अंकों का आधार नंबर और नाम दर्ज करें
आपके आधार नंबर के सफल वैरिफिकेशन पर, आपको PMAY आवेदन पेज पर भेज दिया जाएगा
अपनी व्यक्तिगत जानकारी, आय इनकम और बैंक स्टेटमेंट जैसी आवश्यक जानकारी दर्ज करें
“I am aware of…” चेकबॉक्स पर टिक करें
कैप्चा दर्ज करें और “Save”बटन पर क्लिक करें
“Save” विकल्प पर क्लिक करने के बाद, एक सिस्टम जेनरेटेड एप्लिकेशन नंबर दिखाई देगा, जिसे आप भविष्य के लिए सेव कर सकते हैं
भरे हुए PMAY आवेदन फॉर्म को डाउनलोड और प्रिंट करें
सहायक दस्तावेजों के साथ अपने निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या फाइनेंशियल संस्थान / बैंकों में फॉर्म जमा करें
प्रधानमंत्री आवास योजना की योग्यता शर्तें निम्नलिखित हैं:
लाभार्थी परिवार के किसी भी सदस्य के पास भारत में पक्का घर नहीं होना चाहिए
लाभार्थी परिवार भारत सरकार / राज्य सरकार की किसी भी आवासीय योजना का लाभ न उठा रहा हो
लाभार्थी परिवार किसी भी प्राथमिक लोन संस्थान (PLI) से PMAY सब्सिडी का लाभ न उठा रहा हो
होम लोन लेने वाले, जिन्होंने PMAY सब्सिडी का लाभ उठाया था, वे लोन के दौरान होम लोन बैलेस ट्रांसफर के तहत फिर से सब्सिडी का क्लेम नहीं कर सकता
एक विवाहित जोड़े के लिए, व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त स्वामित्व में एकल सब्सिडी के लिए योग्य होंगे
लाभार्थी परिवारों को MIG आय समूह के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अपना आधार नम्बर प्रस्तुत करने की आवश्यकता है
ईडब्ल्यूएस श्रेणी के तहत लाभार्थियों को योजना के तहत पूर्ण सहायता मिलेगी, जबकि एलआईजी और एमआईजी आय समूहों के तहत आने वाले लोग केवल पीएमएवाई 2019 के तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के लिए योग्य होंगे
जिस संपत्ति पर सीएलएसएस सब्सिडी का लाभ उठाया जाना चाहिए, उसमें पानी, सफाई, सीवरेज, सड़क, बिजली आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं होनी चाहिए। संपत्ति को 2011 की जनगणना के अनुसार वैधानिक कस्बों में स्थित किया जाना चाहिए और अधिसूचित योजना सहित शहरों को अधिसूचित किया जाना चाहिए
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